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Rani Lakshmibai Punyatithi every year is celebrated on 18 June, at Gwalior. The Rani of Jhansi thus was an Indian queen.

She was born on 19 November 1828 in Varanasi, into a Marathi Karhade Brahmin family.

The full name of Manikarnika Tambe was nicknamed Manu. Her father was Moropant Tambe.

Manikarnika was married to the Maharaja of Jhansi, thus Gangadhar Rao Newalkar, in May 1842 and was afterward called Rani Lakshmibai.

 

 

Rani Lakshmibai Punyatithi

Quotes In English

 

 

  • They have forced the prisoners to eat their bread… they powdered bones and mixed with flour sugar etc and exposed it for sale”

 

  • “We are preparing our forces. It is very important to fight the English”

 

  • It is evident to all men that these English are perverters of all men’s religion”

 

  • “After attacking and dispersing Sir Hugh Rose’s army at Motghaat, march straight to Kalpi. From here, we together will attack the English at Gwalior”

 

 

  • They endeavored to contaminate the Hindu and Mohammedan religions by the production and circulation of religious books through the medium of missionaries”

 

  • “My late husband devoted his attention to the art of Peace, and not to keeping up even the semblance of a warlike state”

 

  • I conjure the Hindus in the name of Gunga, Tollsee, and Salikram, and the Mahomedans by the name of God and the Koran and entreat them to join us in destroying the English for their mutual welfare”

 

  • “I shall not surrender my Jhansi”

 

 

  • “If defeated and killed on the field of battle, we shall surely earn eternal glory and salvation”

 

  • We fight for independence. In the words of Lord Krishna, we will, if we are victorious, enjoy the fruits of victory”

 

 

 

Rani Lakshmibai Punyatithi Wishes In Marathi

 

  • राणी लक्ष्मीबाईच्या नावात शौर्य आणि पराक्रम दिसून येतो

ज्यांच्या हातात पहिल्या स्वातंत्र्यलढ्याची दोरी होती

राणी लक्ष्मीबाईंना शतशः प्रणाम

 

 

  • झाशीची राणी लक्ष्मीबाई यांच्या पुण्यतिथीनिमित्त विनम्र अभिवादन.

 

  • अवघ्या २३ वर्षांच्या वयात राणी लक्ष्मीबाई

इंग्रजांच्या सेनेबरोबर लढतांना

वीरगतीला प्राप्त झाली होती..

पण जिवंत असेपर्यंत झाशीवर

विजय मिळवू नाही दिला होता..

वीरांगना झाशीची राणी लक्ष्मीबाईला,

पुण्यतिथीनिमित्त शत शत नमन!

 

  • राणी लक्ष्मीबाई यांच्या पुण्यतिथीनिमित्त विनम्र अभिवादन.

Rani Lakshmibai Punyatithi

Massage In Hindi

 

  • मुर्दों में भी जान डाल दे,

उनकी ऐसी कहानी है,

वो कोई और नहीं,

झांसी की रानी हैं.

रानी लक्ष्मीबाई को शत-शत नमन

 

  • ‘मातृभूमि के लिए झांसी की

रानी ने जान गवाई थी

अरि दल काँप गया रण में

जब लक्ष्मीबाई आई थी”

 

  • दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,

चमक उठी सन सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी,

बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी.

रानी लक्ष्मीबाई को शत-शत नमन

 

  • ‘शौर्य और वीरता झलकता है

लक्ष्मीबाई के नाम में

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी

जिसके हाथ में”

 

  • अद्भुत शौर्य, तेज और देशभक्ति से समूचे विश्व को वीरता का मार्ग दिखाने वाली

भारतीय नारी शक्ति की प्रेरणा पुंज, वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर शत-शत नमन

 

  • मैदाने जंग में मरना है,

फिरंगी से नहीं डरना है,

कहती रानी लक्ष्मी बाई

यह वादा पूरा करना है।

 

  • चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी

बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर शत-शत नमन

 

  • हर औरत के अंदर है झांसी की रानी

कुछ विचित्र थी उनकी कहानी

मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी

अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी

रानी लक्ष्मीबाई को शत-शत नमन

 

 

  • उखाड़ फेंका हर दुश्मन को

जिसने झांसी का अपमान किया

मर्दानी की परिभाषा बन कर

सबको आजादी का पैगाम दिया

रानी लक्ष्मीबाई को शत-शत नमन


 

Rani Lakshmibai Punyatithi

 

Shortly, Rani Lakshmibai died on 18 June 1858. And if Novels Jhansi Ki Rani novel by Vrindalal Verma.

Rani , a 2007 Novel in English by – Jaishree Misra.

She was later killed in combat after having successfully assaulted Gwalior.

One of the most renowned freedom fighters in India. Rani Lakshmibai, thus better known as the Rani of Jhansi.

 

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